करतारपुर कॉरिडोर में 74 साल बाद मिले दो भाई, 1947 के बंटवारे के दौरान हुए थे अलग; देखें वीडियो
By: Pinki Thu, 13 Jan 2022 10:05:39
1947 में भारत-पाकिस्तान के बंटवारे में अलग हुए दो भाइयों को 74 साल बाद दोनों को करतारपुर कॉरिडोर ने मिला दिया है। दोनों भाईयों की पहचान मुहम्मद सिद्दीक और भारत में रहने वाले उनके भाई हबीब उर्फ शेला के नाम से हुई है।
सोशल मीडिया पर दोनों भाइयों का वीडियो वायरल हो रहा है। इसे देखकर लोग काफी इमोशनल हो रहे हैं और तरह तरह के कमेंट कर रहे हैं। पाकिस्तानी मीडिया एआरवॉय न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, 80 साल के मुहम्मद सिद्दीक पाकिस्तान के फैसलाबाद शहर में रहते हैं। वे बंटवारे के वक्त अपने परिवार से अलग हो गए थे। उनके भाई हबीब उर्फ शेला भारत के पंजाब में रहते हैं। करतारपुर कॉरिडोर में इतने लंबे अरसे बाद एक दूसरे को देख दोनों की आंखें भर आई और वे भावुक होकर गले मिले। इस वीडियो में परिवार के अलावा गुरुद्वारा प्रबंधन के अधिकारी भी नजर आ रहे हैं।
दोनों भाइयों ने भारत और पाकिस्तान की सरकार को करतारपुर कॉरिडोर खोलने पर धन्यवाद दिया है।
Kartarpur Sahib corridor has reunited two elderly brothers across the Punjab border after 74 years. The two brothers had parted ways at the time of partition. A corridor of reunion 🙏 pic.twitter.com/g2FgQco6wG
— Gagandeep Singh (@Gagan4344) January 12, 2022
आपको बता दे, भारत में पंजाब के डेरा बाबा नानक से पाक सीमा तक कॉरिडोर का निर्माण किया गया है और वहीं पाकिस्तान भी सीमा से नारोवाल जिले में गुरुद्वारे तक कॉरिडोर का निर्माण हुआ है। इसी को करतारपुर साहिब कॉरिडोर कहा गया है। करतारपुर साहिब सिखों का पवित्र तीर्थ स्थल है। यह पाकिस्तान के नारोवाल जिले में स्थित है। यह भारत के पंजाब के गुरदासपुर जिले के डेरा बाबा नानक से 3 से 4 किलोमीटर दूर है और करीब लाहौर से 120 किलोमीटर दूर है। यह सिखों के प्रथम गुरु गुरुनानक देव जी का निवास स्थान था और यहीं पर उनका निधन भी हुआ था। ऐसे में सिख धर्म में इस गुरुद्वारे के दर्शन का का बहुत अधिक महत्व है।